नेशनल डेस्क। काकादेव स्थित पांडू नगर एच 1 ब्लॉक में मंदिर के पास जल रहे दीपक से घर में आग लग गई। सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग बुझाई। लेकिन हादसे के वक्त घर में सो रहे बिस्किट व्यापारी संजय श्याम दासानी उनकी पत्नी और नौकरानी की दम घुटने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी तीनों के दम घुटने से मौत होने की बात पुष्ट हुई है। संजय श्याम दासानी की पारले- जी बिस्कुट फैक्ट्री की फ्रेंचाइजी है। उनके परिवार में पत्नी कनिका और बेटा हर्ष है।
गुरुवार को दीपावली की पूजा करने के बाद वह करीब एक बजे पत्नी कनिका के साथ सोने चले गए। इस दौरान घर के मंदिर में दीपक जल रहा था। देर रात करीब तीन बजे मंदिर में रखे दीपक से घर में सबसे पहले पर्दे में आग लग गई। इसके बाद वहां लगे एसी ने आग पकड़ ली। फिर सोफा और किचेन तक आग फैल गई। आग से घर के अंदर इतनी गैस भर गई कि कमरे के बाहर वाले पोर्शन का कांच टूट कर जमी पर गिरा तब जाकर नीचे रह रहे लोगों को आग लगने का पता चला। इसके बाद दूसरे फ्लोर में रहने वाले उनके भाई कमलेश ने दमकल को सूचना दी। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।
हादसे के वक्त घर में सो रहे संजय उनकी पत्नी कनिका और नौकरानी छवि जो नारामऊ बिठूर की रहने वाली थी वह बेसुध थी। संजय और उनकी पत्नी गेट के पास फर्श पर मिले जबकि नौकरानी किचेन की साइड में पड़ी मिली।
आनन-फानन पुलिस की मदद से उन्हें सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी मनोज भदौरिया ने बताया कि मंदिर में रखे दीपक की वजह से घर में आग लगी थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मौत भी दम घुटने की वजह से हुई है। विशेषज्ञ का कहना है अगर किसी भी तरह यह ऑटोमेटिक दरवाजा खुल जाता तो तीनों की जान बच सकती थी। दरअसल यह दरवाजा जो ऑटोमेटिक डोर है यह मैग्नेटिक डोर से बना हुआ है। आग लगने की वजह से इसकी जो वायरिंग थी वह भस्ट हो गई। जिससे दरवाजा खुल नहीं पाया और सबकी मौत हो गई। एडीसीपी सेंट्रल का मानना है कि अगर किसी भी तरह दरवाजा खुल जाता तो उनकी मौत नहीं होती और यह बच सकते थे। पूरे दिन टेक्निकल टीम ने पूरे घर का मुआयना किया है। एडीसीपी ने भी तीनों की मौत की पुष्टि दम घुटने की वजह से बताई है। देर शाम तीनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बेटे हर्ष की बची जान
उद्योगपति संजय श्याम दासानी का बेटा हर्ष रात को दोस्तों के साथ दीपावली का त्योहार मनाने अपने दोस्त के घर एमराल्ड गार्डन चला गया था। हादसे के वक्त वह घर पर नहीं था। जिस कारण उनकी जान बच गई। संजय के सबसे छोटे भाई ललित श्याम दासानी ने बताया कि रात की 12:00 बजे तक वह भी पांडू नगर स्थित मकान में ही थे वहां से दिवाली पूजन के बाद वह अपने फ्लैट एमराल्ड गार्डन आ गए।